Exit Rate Kya Hai in Hindi : – आज हम Bounce Rate Kya Hai, Bounce Rate निकालने का फार्मूला क्या है?, Bounce Rate Kaise Check Kare?, Exit Rate निकालने का फार्मूला क्या है?, Exit Rate Kaise Kam Kare, Bounce Rate Vs Exit Rate, Bounce Rate और Exit Rate में क्या अंतर है?, Bounce Rate Kaise Kam Kare आदि के बारे में बात करेंगे –
आ गए सारे ब्लॉगर? Exit Rate क्या है? SEO की दुनिया में यह एक बहुत महत्वपूर्ण नाम है अगर आप नए ब्लॉगर है तब आपने Bounce Rate का नाम तो सुना ही होगा बाउंस रेट भी वेबसाइट के SEO के लिए एक इम्पोर्टेन्ट पॉइंट है
जब आप अपने Blogging Career में Google Analytics अकाउंट का उपयोग करते है तब वहां आपको यह दोनों देखने को मिल जाते है जब लोग ब्लॉग्गिंग में नए होते है उनको इन सभी चीजों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है
बहुत सारे ब्लॉगर इसमें कन्फ़ुइज़ होते है इसके साथ आपको यह बात समझनी चाहिए कि आपकी वेबसाइट के बाउंस रेट का अधिक होना SEO के लिए सही नहीं होता है क्योकि यह आपकी वेबसाइट के एक उपयोगी वेबसाइट न होने की तरफ इशारा करता है
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जिसके बाद सर्च इंजन आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को डाउन करता है जिससे आपकी वेबसाइट पर आर्गेनिक ट्रैफिक कम होता है ठीक इसी प्रकार आपकी वेबसाइट के एग्जिट रेट का अधिक होना भी आपकी वेबसाइट के लिए सही नहीं होता है चलिए अब हम बाउंस रेट क्या है के बारे में जान लेते है
Bounce Rate Kya Hai | What is Bounce Rate in Hindi?
“Bounce Rate” हमारी वेबसाइट के किसी एक वेब पेज पर आए यूजर का वेबसाइट के दूसरे वेब पेज पर न जाकर वेबसाइट से Exit हो जाना उस वेबसाइट का बाउंस रेट कहलाता है
वेबसाइट पर जितने यूजर आते है उनमे से कितने यूजर वेबसाइट के एक वेब पेज को पढ़ने के बाद दूसरे वेब पेज पर नहीं गए और वेबसाइट से वापस चले गए इसकी प्रतिशत को हम Bounce Rate प्रतिशत कहते है
Example – आपकी वेबसाइट पर रोजाना 1000 Visitors आते है जिनमे से 400 Visitors ने वेबसाइट के एक वेब पेज से ही Exit हो गये जिसके बाद आपका बाउंस रेट 40% होता है
Note – Bounce Rate जितना ज्यादा कम होता है वेबसाइट के लिए उतना फायदेमंद होता है जिससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग Increase होती है
Bounce Rate निकालने का फार्मूला क्या है?
Bounce Rate (%) = One Page Visit ÷ Total Page Visit × 100
Bounce Rate Kaise Check Kare?
वेबसाइट का बाउंस रेट चेक करना बहुत आसान होता है अगर आपने अपने Google Analytics के अकाउंट को अपनी वेबसाइट से कनेक्ट कर रखा है तब जब आप अपने Google Analytics को ओपन करते है उसमे आपको ऊपर एक सर्च बॉक्स दिखाई देता है
जिसमे अगर आप Bounce Rate लिखकर सर्च करते है तब आपको वहां से अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट का पता चल जाता है


Exit Rate Kya Hai | What is Exit Rate in Hindi?
इसकी गणना हम प्रतिशत में करते है कितने विजिटर वेबसाइट के एक वेब पेज से होकर वेबसाइट के अन्य कई पेज पर जाते है इसकी प्रतिशत Exit Rate प्रतिशत बताती है
Example – आपकी वेबसाइट पर रोजाना 1000 Visitors आते है जिनमे से 400 Visitors ने वेबसाइट के एक वेब पेज से Exit कर लिए जिसके कारण आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट 40% रहा
अब बाकि बचे 600 विजिटर में से 300 ने दूसरे वेब पेज पर जाने के बाद Exit किया जिसके कारण दूसरे वेब पेज का Exit Rate 50% बनकर आया
अब बाकि बचे 300 विजिटर में लगभग 225 यूजर ने आपकी वेबसाइट के तीसरे वेब पेज से EXIT किया जिसके कारण तीसरे वेब पेज का Exit Rate 75% बनकर आया इसके बाद बाकि बचे 75 यूजर वेबसाइट के चौथे वेब पेज के बाद Exit हो गए जिसके कारण चौथे वेब पेज का Exit Rate 100% बनकर आया
Note – वेबसाइट के हर वेब पेज का Exit Rate अलग अलग होता है लेकिन Google Analytics में आपको सभी वेब पेज का एक Exit Rate बताया जाता है
Exit Rate निकालने का फार्मूला क्या है?
Exit Rate (%) = Total Exit Form the Page ÷ Total Page Visit × 100
Exit Rate Kaise Check Kare?
वेबसाइट के सभी वेब पेज का एग्जिट रेट चेक करना बहुत आसान होता है अगर आपने अपने Google Analytics के अकाउंट को अपनी वेबसाइट से कनेक्ट कर रखा है तब जब आप अपने Google Analytics को ओपन करते है उसमे आपको ऊपर एक सर्च बॉक्स दिखाई देता है
जिसमे अगर आप Exit Rate लिखकर सर्च करते है तब आपको वहां से अपनी वेबसाइट के सभी वेब पेज का एग्जिट रेट का पता चल जाता है
Exit Rate Kaise Kam Kare? | Exit Rate कैसे कम करें?
वेबसाइट का बाउंस रेट कम करने के लिए आप निम्नलिखित तरीको का उपयोग कर सकते है जैसे –
- वेबसाइट की इंटरनल लिंकिंग को सही रखना चाहिए
- वेबसाइट के विषय सम्बंधित वेबसाइट बैकलिंक बनाए
- वेबसाइट में एक से अधिक वेब पेज रखने चाहिए
वेबसाइट की इंटरनल लिंकिंग को सही रखना चाहिए
जैसा कि आपने ऊपर एग्जिट रेट क्या है के बारे में जाना होगा लेकिन जब आपकी वेबसाइट के वेब Pages एक दूसरे से साथ लिंक नहीं होंगे तब यूजर आपकी वेबसाइट से केवल एक वेब पेज को पढ़कर ही चला जाता है
क्योकि उसको यह नहीं पता होता है कि आपकी वेबसाइट पर किन किन विषयो के बारे में जानकारी उपलब्ध है आपकी वेबसाइट पर एक विषय से सम्बंधित बहुत वेब पेज होते है आप उन सभी को एक दूसरे से इंटरनल लिंकिंग के माध्यम से जोड़ सकते है
वेबसाइट के विषय सम्बंधित वेबसाइट बैकलिंक बनाए
जब आप अपनी वेबसाइट के टॉपिक से सम्बंधित वेबसाइट से बैकलिंक बनाते है या एक्सटर्नल लिंक लेते है तब यह आपकी वेबसाइट की रैंकिंग के लिए एक पॉजिटिव रैंकिंग फैक्टर बनता है
लेकिन जब आप अपनी वेबसाइट के विषय से अलग वेबसाइट से बैकलिंक लेते है तब यह आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को Improve नहीं करता है ऐसे बैकलिंक्स को गूगल कोई वैल्यू बैकलिंक नहीं समझता है
ऐसे वेबसाइट के बैकलिंक के माध्यम से आने वाले यूजर को उस वेबसाइट की जानकारी चाहिए होती है जिस विषय की वेबसाइट से आपने बैकलिंक लिया है यूजर को वह इनफार्मेशन न मिलने के कारण वह वेबसाइट को Exit करके सर्च इंजन में आपकी वेबसाइट की वैल्यू को डाउन करता है
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वेबसाइट में एक से अधिक वेब पेज रखने चाहिए
कुछ ब्लॉगर ऐसे होते है जो अपनी वेबसाइट में एक वेब पेज को ही रखते है ऐसी वेबसाइट या ब्लॉग का बाउंस और एग्जिट रेट हमेशा अधिक रहता है क्योकि जब वेबसाइट में एक ही वेब पेज होता है तो सभी यूजर केवल उस वेब पेज की इनफार्मेशन को पढ़ते है और वेबसाइट को Exit कर देते है
इसलिए आपको अपनी वेबसाइट में एक से अधिक वेब पेज को बनाना है जिससे आपकी वेबसाइट का एग्जिट रेट सही रहे
Bounce Rate Vs Exit Rate | Bounce Rate और Exit Rate में क्या अंतर है?
अगर आप बाउंस रेट और एग्जिट रेट की तुलना करेंगे तो यह एक दूसरे से बिलकुल अलग होते है वेबसाइट के किसी एक वेब पेज को विजिट करने के बाद जब यूजर वेबसाइट को Exit कर देता है इन यूजर की संख्या की प्रतिशत बाउंस रेट कहलाती है
जबकि वेबसाइट के एक से ज्यादा वेब पेज पर विजिट करने के बाद जब यूजर वेबसाइट को Exit कर देता है इन users की संख्या की प्रतिशत को हम Exit रेट कहते है
बाउंस रेट और एग्जिट रेट को आप अपने Google Analytics में देख सकते है वेबसाइट के बाउंस रेट और एग्जिट रेट का अधिक होना वेबसाइट के लिए ठीक नहीं होता है यह वेबसाइट की रैंकिंग पर अपना नेगेटिव Effect डालता है
Bounce Rate Kaise Kam Kare? | Bounce Rate कैसे कम करें?
वेबसाइट का बाउंस रेट कम करने के लिए आप निम्नलिखित तरीको का उपयोग कर सकते है जैसे –
- ब्लॉग पोस्ट के Title और Meta डिस्क्रिप्शन को सही रखना चाहिए
- वेबसाइट की लोडिंग स्पीड को 2 से 3 सेकंड के अंदर रखना चाहिए
- वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाये
- वेबसाइट पर Quality Content को पब्लिश करे
ब्लॉग पोस्ट के Title और Meta डिस्क्रिप्शन को सही रखना चाहिए
अगर आप एक नए ब्लॉगर है और अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के कारण ब्लॉग पोस्ट के टाइटल को मेटा डिस्क्रिप्शन को अपने ब्लॉग पोस्ट टॉपिक से अलग रखते है तब यह आपकी वेबसाइट के बाउंस रेट बढ़ने का कारण बनता है
ऐसा करके आप सर्च इंजन की नजरो में अपनी वेबसाइट की रैंकिंग डाउन करते है इसलिए आपको अपनी ब्लॉग पोस्ट के टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन को टॉपिक से रिलेटेड और Attractive रखना चाहिए
वेबसाइट की लोडिंग स्पीड को 2 से 3 सेकंड के अंदर रखना चाहिए
जब आपकी वेबसाइट लोड होने में जयादा समय लेती है तब आपके यूजर आपकी वेबसाइट से वापस चले जाते है और वही जानकारी किसी दूसरी वेबसाइट के माध्यम से ले लेते है जो आपकी वेबसाइट की वैल्यू को डाउन करता है
इसलिए वेबसाइट की लोडिंग स्पीड ज्यादा होना वेबसाइट के बाउंस रेट बढ़ने का कारण बनता है इसलिए आपको अपनी वेबसाइट की लोडिंग स्पीड पर जरूर ध्यान देना चाहिए
वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाये
आप सब जानते है कि आजकल इंटरनेट का सबसे ज्यादा उपयोग मोबाइल users करते है ऐसे में आपकी वेबसाइट का मोबाइल फ्रेंडली न होना आपके यूजर के एक्सपीरियंस को ख़राब करता है
जिसके कारण वह जिस इनफार्मेशन के लिए आपकी वेबसाइट पर आया था वह दूसरी वेबसाइट पर जाकर लेता है क्योकि आपकी वेबसाइट के वेब पेज मोबाइल फ्रेंडली न होने कारण यूजर के मोबाइल में कंटेंट और वेबसाइट को सही तरह से प्रदर्शित नहीं कर पाते है
वेबसाइट पर Quality Content को पब्लिश करे
यह भी एक फैक्ट है जिसके कारण आजकल हर वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ता है अगर आप यूजर को अच्छा कंटेंट नहीं देंगे तब यूजर आपकी वेबसाइट पर नहीं रुकता है
आपका यूजर आपकी वेबसाइट का इस्तेमाल जिस इनफार्मेशन को प्राप्त करने के लिए कर रहा है उसको वह इनफार्मेशन सही और सटीक मिलना जरुरी होता है आपको अपने यूजर को पूरी तरह से सटिस्फीएड करना बहुत जरुरी होता है
Read More – बाउंस रेट कैसे कम करे?
FAQ
एग्जिट रेट का मतलब क्या होता है?
“Exit Rate” हमारी वेबसाइट के किसी एक वेब पेज पर आए यूजर का वेबसाइट के दूसरे, तीसरे, चौथे आदि वेब पेज पर जाने के बाद वेबसाइट से Exit हो जाना Exit Rate कहलाता है इसकी गणना हम प्रतिशत में करते है कितने विजिटर वेबसाइट के एक वेब पेज से होकर वेबसाइट के अन्य कई पेज पर जाते है इसकी प्रतिशत Exit Rate प्रतिशत बताती है
एग्जिट रेट का सूत्र क्या है?
एग्जिट रेट का सूत्र Exit Rate (%) = Total Exit Form the Page ÷ Total Page Visit × 100 होता है अथार्थ एग्जिट रेट = किसी वेब पेज पर एग्जिट किए गए यूजर की संख्या / कुल वेब पेज पर आए यूजर की संख्या * 100 सूत्र के माध्यम से ज्ञात किया जाता है
क्या कम एग्जिट रेट अच्छा है?
हाँ वेबसाइट का एग्जिट रेट कम होना अच्छा होता है क्योकि एग्जिट रेट के माध्यम से यह पता चल जाता है कि वेबसाइट के एक वेब पेज को पढ़ने के बाद ज्यादातर यूजर वेबसाइट के दूसरे वेब पेज को भी पढ़ रहे है जिससे वेबसाइट पर दी गई जानकारी उपयोगी होने का पता चलता है
बाउंस रेट या एग्जिट रेट ज्यादा जरूरी है?
वेबसाइट बाउंस रेट और एग्जिट रेट दोनों जरुरी होते है क्योकि बाउंस रेट और एग्जिट रेट कम होना वेबसाइट के उपयोगी होने को बताता है जिससे वेबसाइट पर सर्च इंजन का ट्रस्ट बढ़ता है
लेकिन बाउंस रेट के मुकाबले वेबसाइट का एग्जिट रेट बहुत महत्वपूर्ण होता है यह वेबसाइट के वेब पेज पर यूजर के Exit करने की प्रतिशत को बताता है
आपने क्या सिखा?
आज मैंने आपको Exit Rate Kya Hai in Hindi, Bounce Rate Kya Hai, Bounce Rate निकालने का फार्मूला क्या है?, Bounce Rate Kaise Check Kare?, Exit Rate निकालने का फार्मूला क्या है?, Exit Rate Kaise Kam Kare, Bounce Rate Vs Exit Rate, Bounce Rate और Exit Rate में क्या अंतर है?, Bounce Rate Kaise Kam Kare के बारे में सभी जानकारी दी है
मुझे उमीद है कि आप सभी को “Exit Rate” के बारे में सब कुछ समझ आ गया होगा फिर भी अगर आपका कुछ सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में मुझसे पूछ सकते है साथ ही आर्टिकल को शेयर जरुर करे
Credit By = itznitinsoni
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