Jyada Sochne Ke Nuksan: – क्या आपको भी अधिक सोचने की आदत हो गई है? यह आपके लिए सही नहीं? क्योकि यह मनुष्य की मेंटल हेल्थ के लिए बहुत हानिकारक होता है लेकिन फिर भी लोग अपने जीवन में चल रही बातें को सोचते है
ऐसा करके उनके लगता है कि उनको भविष्य की फ़िक्र है लेकिन अधिक सोचना आपकी खुशियों को मारता है ऐसे में नेगटिव बातें बार बार दिमाग में चलती है जो हमारे लिए सही नहीं होता है
हमारे रिसर्च के अनुसार ऐसे हजारो लोग है जो सर्च इंजन गूगल में सर्च करते है कि ज्यादा सोचने की बीमारी का इलाज, ज्यादा टेंशन लेने के नुकसान, ज्यादा टेंशन लेने से कौन सी बीमारी होतीं है?, ज्यादा सोचने के फायदे,
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यही कारण है कि आज मैं NS Article पर आपको अधिक सोचने से होने वाले सभी नुकसान के बारें में बताऊंगा चलिए अब हम यह जान लेते है कि ज्यादा टेंशन लेने से क्या होता है?
Jyada Sochne Se Kya Hota Hai? ( ज्यादा टेंशन लेने से क्या होता है? )
विशेषज्ञ का कहना है कि मनुष्य का एक समय में एक बात सोचना असंभव है क्योकि हर मनुष्य एक बार में बहुत कुछ सोच सकता है लेकीन किसी विषय के बारे में लगातार सोचकर परेशान होने से मनुष्य की मानसिक शांति ख़राब होती है
जिससे उसके शरीर में कोटिसोल बढ़ने लगता है ऐसा करके आप अपने दिमाग के ऊपर बोझ बढ़ा देते है
Overthinking Kya Hai? | ओवरथिंकिंग क्या होती है?
जब कोई मनुष्य किसी विषय के बारे में हद से अधिक बार अपने दिमाग में सोचकर परेशान रहने लगता है ऐसे बीमारी को हम ओवरथिंकिंग कहते है मनुष्य अपने सोच का उपयोग किसी काम को करने, निर्णय लेने, जीवन को सही बनाने, किसी की मदत करने, ज्ञान को बढाने आदि के लिए करता है
यह हर मनुष्य के दिमाग के लिए सही है ऐसे में मनुष्य का मानसिक रूप से बेहतर है लेकिन एक बार को सोचकर दिमाग पर बोझ डालना ओवरथिंकिंग है ऐसे में मनुष्य डिप्रेशन और तनाव के घेरे में जीना शुरू कर देता है
ओवरथिंकिंग के लक्षण क्या होते है?
ओवरथिंकिंग के बहुत तरह के लक्षण मनुष्य में देखने को मिले है लेकिन कुछ मुख्य लक्षण के बारे में मैंने नीचे बताया है यह सभी ओवरथिंकिंग के कारण होते है –
- अधिक सोचने से नींद न आना
- मनुष्य में गुस्सा या क्रोध का बढना
- अपने साथ होने वाले गलत को याद करना
- प्यार करने वाले मनुष्य की बात दिल पर लग जाना
- मनुष्य को नींद नहीं आना
- अपने साथ होने वाले धोखे को याद करना
- मनुष्य का हमेशा तनाव में रहना
- मनुष्य का भविष्य के बारे में सोचकर परेशांन होना
- निर्णय लेने में भ्रमित स्थिति का सामना करना
- प्यार के दूर जाने पर उसको याद करना
- दुसरे के देखने के नजरिये को नहीं समझना
- जीवन में किसी घटना के कारण मानसिक आघात का विकसित हो जाना
- अपनी गलतियों के बारे में सोचते रहना कि ये मैंने क्या किया? मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था?
- मनुष्य के जीवन में असफलता मिलना
- मनुष्य का ध्यान केन्द्रित नहीं हो पाना
- मनुष्य को किसी के साथ शारीरिक आकर्षण होना और वह उसको जीवनसाथी के रूप में न मिलना
- पुराने बुरे पल को याद करना
- मनुष्य के पास अकेलापन होना
- मनुष्य के जीवन में अधिक नुकसान हो जाना
Overthinking Se Kaise Bache? ( ज्यादा सोचना कैसे बंद करें? )
ओवरथिंकिंग से बचने के लिए आप हमारे नीचे बताये गए कुछ महत्वपूर्ण तरीको का उपयोग कर सकते है –
- हमेशा परफेक्ट के ऊपर ध्यान नहीं देना
- परेशानी को समझना
- बीती बातें भूलना ( बिजी रहना )
- अपना ध्यान लगाएं
- वर्तमान में जीना शुरू करे
- हर परिस्थिति का सामना करे
- मन को काबू में करना
- धार्मिक किताब व स्थान पर जाना
- मैडिटेशन करना ( गहरी सांस लेना )
हमेशा परफेक्ट के ऊपर ध्यान नहीं देना
मैंने देखा है कि अधिकतर युवाओ में यह चीज देखने को मिलती है क्योकि यह अपने जीवन के एक ऐसे समय पर होते है जहाँ इनको संसार को समझना होता है लेकिन यहाँ एक बात बिल्कुल सच है कि जीवन में कोई काम या कोई मनुष्य बिल्कुल परफेक्ट नहीं होता है
हम अपना बेस्ट दे सकते है लेकिन हमेशा परफेक्ट के बारे में सोचना ओवरथिंकिंग की समस्या को पैदा करता है ऐसे में आप हमेशा खुद को ही जिम्मेदार समझते है इसीलिए ऐसे विचारो से दूर रहे
परेशानी को समझना
अगर कोई मनुष्य अपने अधिक सोचने की परेशानी या समस्या को दूर करना चाहता है तो ऐसे में सबसे पहले उसको अपने मन में आपने वाले विचारो को समझना होता है जिसके बाद वह अपने दिमाग में यह ठान सकता है कि बस अब मुझे और इसके बारे में नहीं सोचना चाहिए
ऐसा करके आप इस समस्या को दूर करने के लिए अपने मन और दिमाग को मजबूत बनाते है ऐसा करके आप अपनी ओवर थिंकिंग की समस्या के ट्रिगर पॉइंट को समझ लेते है
बीती बातें भूलना ( बिजी रहना )
अगर आप पुरानी बातें को अधिक सोचते है तो ऐसे में आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि आप पुरानी बातें को याद न करे ऐसा करने के लिए आप चाहे तो खुद को ऐसा काम में लगा सकते है जिसमे आपका मन लगता है
क्योकि जब आप किसी काम में अपना दिमाग और मन लगाते है तो आपका दिमाग पुरानी बातें के ऊपर ध्यान नहीं देता है ऐसा करके आप जीवन में धीरे धीरे ज्यादा सोचने की आदत को छोड़कर आगे बढ़ने लगते है
नोट – जब कोई मनुष्य ओवरथिंकिंग करता है तो ऐसे में उसको अपना समय इसमें देना होता है लेकिन अगर आप इस समय को किसी अन्य काम में देते है
तो आपके पास ओवरथिकिंग के लिए समय नहीं बचता है और किसी अच्छे काम में समय देने से आप जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहते है
अपना ध्यान लगाएं
अगर अधिक सोचने की समस्या को हम दूर करने की बात करते है तो ऐसे में हमने अपने मन और दिमाग को शांत करने की सबसे अधिक जरुरत होती है इसीलिए ऐसी स्थिथि में हमने अपना ध्यान लगाना चाहिए क्योकि ऐसा करने से हमारे शरीर की सभी इन्द्रिया हमारे काबू में रहती है
ऐसा करना हमाने अधिक सोचने की समस्या को दूर करने के लिए सबसे अच्छा तरीका होता है इसके साथ ध्यान लगाते समय अपनी सांस के ऊपर ध्यान देना हमारे विचारो के बोझ को कम करने का काम करता है ऐसा करने से हर मनुष्य बहुत रिलैक्स फील करने लगता है
वर्तमान में जीना शुरू करे
कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य अपने भविष्य के बारे में अधिक सोचता है लेकिन यहाँ अगर आप अपना वर्तमान सही से नहीं जेयेंगे तो यह समय भी बीत जायेगा और दुबारा वापस नहीं आएगा इसीलिए आपको आज में जीने की आदत को डालना चाहिए यहाँ हमारे लेखक का कहना है कि
जब आप रोजाना आपना आज बेस्ट देते है तो एक दिन आपका कल बेस्ट होता है
हर परिस्थिति का सामना करे
हां, मैं समझ सकता हूँ कि अधिक सोचने के मुख्य कारण जीवन में चल रही परेशानी हो सकती है लेकिन अगर आपको इससे बचना है तो आपको हर समय बिना घबराएं अपने जीवन की हर समस्या का सामना करना होगा जिसके बाद आप आपने जीवन में ओवरथिंकिंग से बच सकते है
यहाँ अगर आप खुद को अकेला नहीं समझेंगे तो आपको हर परेशानी से निपटने के लिए खुद का पूरा सपोर्ट मिलेगा
मन को काबू में करना
जब कोई मनुष्य अधिक सोचने लगता है तो ऐसे में उसका मन सबसे अधिक परेशान होता है यही कारण है कि ओवरथिंकिंग से बचने के लिए आपका खुद के मन पर काबू होना बहुत जरुरी होता है जब आपका अपके मन के ऊपर काबू होता है
तो ऐसे में आप उसको अधिक सोचने से काफी हद तक दूर रख सकते है इसीलिए यह आपको ओवरथिंकिंग करने से रोकने का सबसे बेस्ट तरीका है
धार्मिक किताब व स्थान पर जाना
जीवन की हर परिस्थिति के समय हम अपने अपने घर्म के अनुसार धार्मिक स्थल पर जातें है यह हमे पॉजिटिव वाइब्स देने और हमारे मन को शांत रखने के लिए सबसे अच्छा रहता है
इसीलिए मनुष्य के ओवरथिंकिंग करते समय उसका धार्मिक किताब को पढना या धार्मिक स्थान पर जाकर समय बीतना सबसे बेहतर रहता है यह आपको ओवरथिंकिंग से बचाने के लिए आपके मन को हमेशा शांत रखने में मदत करता है
मैडिटेशन करना ( गहरी सांस लेना )
अगर आप अपनी ओवरथिंकिंग की समस्या से छुटकारा चाहते है तो ऐसे में आप मैडिटेशन करना शुरू कर सकते है क्योकि जब कोई मनुष्य अधिक सोचें की स्थिथि में मानसिक और शारीरिक रूप से सही होना चाहता है तो ऐसे में वह शांत जगह पर बैठकर गहरी सांस लेकर खुद को रिलैक्स कर सकता है
ऐसा करके दिमाग में चलने वाले सभी तरह के विचारो को रोका जा सकता है आप ऐसे मैडिटेशन को अपने रोजाना के काम में ले सकते है क्योकि इससे आपका मस्तिष्क हमेशा शांत रहने लगता है आप रात और दिन में मैडिटेशन कर सकते है
Jyada Sochne Ke Nuksan? ( ज्यादा सोचने से होने वाले नुकसान? )
जब कोई मनुष्य अधिक सोचने लगता है तो ऐसे में मनुष्य को कई तरह के नुकसान होती है इन सभी के बारे में मैंने नीचे बताया है –
- मनुष्य के समय का नुकसान
- नेगटिव बातें का दिमाग में चलना
- शरीर की एनर्जी का नुकसान
- इम्यूनिटी पर असर पढ़ना
- चिंताओ का बढ़ने लगना
- डिप्रेशन का शिकार होना
- मनुष्य के पाचन तंत्र पर प्रभाव
- लोगो से मिलने का मन नहीं ( अकेला हो जाना )
- नकारात्मक लोगो से दूर रहना
- वर्तमान पर बुरा प्रभाव पड़ना
- मनुष्य की स्किन और बालो पर असर पड़ना
- दिमाग पर असर पड़ना ( सिर दर्द )
- नींद की समस्या होना
- दिल पर असर पढ़ना ( ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक )
- मनुष्य में कैंसर का खतरा
- जीवन में दुःख रहना
- मनुष्य का कायर बनाना
- कॉन्फिडेंस कम होना जाना
मनुष्य के समय का नुकसान
जब कोई व्यक्ति किसी न किसी बात के बारे में अधिक सोचने या ओवरथिंकिग करने लगता है तो वह अपने कीमती समय का सबसे अधिक नुकसान करता है क्योकि ऐसी स्थिति में मनुष्य अपने अन्य कामो को अच्छे से नहीं कर पता है
जिससे उसके काम का नुकसान होना भी तय है ऐसा होने पर मनुष्य का चिडचिडापन होना स्वभाविक बात है क्योकि यहाँ आप अपने इस अधिक सोचने के चक्कर में अपने अच्छे मोको को खो देते है जिससे आप अपने वर्तमान के कामो में नुकसान करते है और उनको बिगाड़ देते है
नेगटिव बातें का दिमाग में चलना
जब हम अधिक सोचते है यह वर्तमान में रहकर भविष्य की फ़िक्र अधिक करने लग जातें है तो ऐसे में हमारा दिमाग नेगटिव बातें को अधिक सोचना शुरू कर देता है लेकिन यह बातें हर मनुष्य की आराम करने की अच्छी कैपिसिटी को ख़राब करती है
शरीर की एनर्जी का नुकसान
जो लोग अपने जीवन में अधिक सोचते है उनको सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि ऐसा करके मनुष्य अपने शरीर की एनर्जी को बर्बाद करता है यह व्यक्ति के मूड को ख़राब करती है ऐसा करके आप अपने जीवन को इफ़ेक्ट करते है
क्योकि यह मनुष्य के शरीर में सभी पॉजिटिव एनर्जी को ख़तम करने का काम करती है ऐसे में मनुष्य का हमेशा मूड ख़राब रहने लगता है
इम्यूनिटी पर असर पढ़ना
जो लोग अपने जीवन में हमेशा अधिक सोचने लगते है ऐसे लोगो के शरीर की प्रतिरोधक शक्ति धीरे धीरे कमजोर होने लगती है यही कारण है कि ऐसे लोग अंदर से कमजोर होने लगते है और इन्हें किसी भी बीमारी के संक्रमण की जल्द चपेट में आने का खतरा सबसे अधिक होता है
इसीलिए अधिक सोचना किसी भी मनुष्य के शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करने का सबसे बड़ा कारण होता है यही कारण है कि अधिक सोचने वाला मनुष्य कम सोचने वाले मनुष्य की तुलना में अधिक बीमार करता है
चिंताओ का बढ़ने लगना
दिमाग में ओवरथिंकिंग होने से हमारे चिंता बढ़ती है अधिकतर मामले में लोग पुरानी बातें या भविष्य की चिंता करते है और दिमाग में ज्यादा सोचने लगते है लेकिन यह सभी बातें हमारे मन को अंदर से बहुत उदास करती है
इसका मुख्य कारण इन सभी बातें में नेगेटिव बातें का शामिल होना होता है यह हमारे जीवन में निराशा को उत्तपन करती है
डिप्रेशन का शिकार होना
हाँ, अगर आप ऐसे मनुष्य में से है जो अपने जीवन में अधिक सोचते है तो आप भी डिप्रेशन के शिकार हो सकते है यह बहुत गंभीर बीमारी होती है ऐसा होने पर आपके आपके मन में से सभी सकारात्मक एनर्जी ख़तम होने लगती है और नकारात्मक एनर्जी बढ़ने लगती है
जो मनुष्य के दिमाग को मानसिक रूप से सबसे अधिक प्रभावित करती है ऐसे में मनुष्य का खुद के ऊपर भरोसा कम होने लगता है
मनुष्य के पाचन तंत्र पर प्रभाव
अधिक सोचने वाले मनुष्य के पाचन तंत्र पर भी बुरा असर देखने को मिलता है क्योकि ज्यादा सोचने से हम तनाव में रहते है यह हमारे पेट के ऊपर अपना प्रभाव डालता है जिससे हमारे पेट में अनेक प्रकार की समस्यां देखने को मिल जाती है
इन समस्यां को गैस्ट्रोइंस्टेटाइनल, जठरांत्र के काम के तरीके में बदलाब, पेट में जलन, इंस्टेटाइनल पर्मीबिलिटी, इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम, आदि शामिल है और जब आप जरुरत से अधिक सोचने लगते है तो आप ऐसे में मनुष्य की भूख भी कम होने लगती है
यहाँ तनाव के कारण मनुष्य का कुछ खाने या खाने का मन नहीं होता है जिससे उसके शरीर को मिलने वाले पर्याप्त आहार में कमी देखने को मिलते है यह मनुष्य के शरीर में कमजोरी और अन्य पेशानी को पैदा करती है
लोगो से मिलने का मन नहीं ( अकेला हो जाना )
जब मनुष्य एक बच्चा होता है जिसको अधिक बातें के बारे में पता नहीं होता है तो ऐसे में वह अपने दिमाग को एकदम रिलैक्स रखता है ऐसे में वह अपनी दोस्तों व अन्य लोगो के साथ मिलता रहता है जिससे वह कभी अकेला नहीं पड़ता है
लेकिन ओवरथिंकिंग करने के कारण मनुष्य का किसी से मिलने का मन नहीं होता है जिसके कारण धीरे धीरे वह जीवन में अकेला पड़ने लगता है इससे मनुष्य के अंदर कॉन्फिडेंस ख़तम होने लगता है
नकारात्मक लोगो से दूर रहना
यह सच है कि हर मनुष्य के ऊपर उसके माहोल का असर जरुर पड़ता है यही कारण है कि अगर आपको ओवर थिंकिंग की समस्या है तो ऐसे में आपको उन लोगो से दूर रहना चाहिए जो नकारात्मक विचारो के होतें है
क्योकि ऐसे लोग आपके लिए बहुत हानिकारक है यह आपको ओवरथिंकिंग से बचाव करते समय नकारात्मक विचारो को सोचने के बारे में प्रभावित करते है जिससे आप अपनी अधिक सोचने की समस्या को चाहते हुए भी ख़तम नहीं कर पातें है
वर्तमान पर बुरा प्रभाव पड़ना
अगर आप यह सोचते है कि अधिक सोचने से आपके वर्तमान में कोई नुकसान नहीं होगा तो यह आपकी सबसे बड़ी ग़लतफहमी है क्योकि जब कोई मनुष्य अपने जीवन में अधिक सोचकर अपनी चिन्ताओ को बढाने लगता है
तो ऐसे में सबसे अधिक नुकसान दैनिक जीवन में देखने को मिलता है ऐसे में आप अपने वर्तमान का कीमती समय सोचने में लगाते है इसके साथ इससे होने वाली कई परेशानी अथार्थ रिश्तो में दूरियां, सही नींद न लेना आपके जीवन के काम को अलग से प्रभावित करता है
मनुष्य की स्किन और बालो पर असर पड़ना
कई रिसर्च के बाद डॉक्टर ने बताया है कि जब कोई मनुष्य अपने जीवन में अधिक चिन्ताओ को लेता है या अधिक सोचने लग जाता है तो ऐसे में इसका बुरा असर हमे उसकी स्किल के ऊपर देखने को भी मिलता है क्योकि यह शरीर पर सुजन का सबसे बड़ा कारण होता है
ऐसे में मनुष्य की स्किन के ऊपर इन्फेक्शन, पिम्पल्स होने की संभावना बनी रहती है इसके साथ मनुष्य के बालो के झड़ने की समस्या तनाव या स्ट्रेस के कारण शुरू होने लग जाती है इसके साथ मनुष्य में एपोटीक डर्माटिटाइस,
सीब्रोरहाइक डर्माटाइटिस, सोरायसीस सोरायसीस, गंभीर खुजली, एलोपेशिया एरियाटा आदि बीमारी हो सकती है
दिमाग पर असर पड़ना ( सिर दर्द )
अधिक सोचने से मनुष्य का दिमाग भी प्रभावित होता है जिसका मुख्य कारण कोटिसोल हार्मोन होता है यह मनुष्य के दिमाग की कनेक्टिविटी को बदलने में अपनी भूमिका निभाता है जब मनुष्य अधिक सोचता है तो ऐसे में चिन्ताओ के कारण उसका तनाव बढ़ता है
हाँ, यह बिल्कुल सच है कि अधिक सोचने के कारण मनुष्य में रोजाना सिर दर्द की आदत देखने को मिल जाती है क्योकि इसका मुख्य कारण मनुष्य का हमेशा तानव में रहना होता है
नींद की समस्या होना
अगर आप ऐसे लोगो में से है जिनको अपने जीवन में हमेशा अधिक सोचते रहने की आदत है तो ऐसे में इसका बुरा असर आपकी पर्याप्त नींद के ऊपर भी धीरे धीरे पड़ने लगता है क्योकि ऐसे में आपका दिमाग कभी शांत नहीं रहता है
बस आपकी ओवरथिंकिंग को करता रहता है कभी कभी ऐसा अधिक होने मनुष्य को रात में नींद नहीं आती है, कभी सोने पर एक दम उठ जाते है यह सभी नींद की समस्या के कारण होता है
नोट – अधिक सोचने के समय मनुष्य का मन कभी एकाग्रता नहीं रख पता है यह हमेशा सोचने की तरफ बड़ता है ऐसे में मनुष्य अपने मन को एक जगह लाने में असमर्थ होने लगता है
इसीलिए नींद के ऊपर भी मनुष्य का ऐसे ही तनाव में कण्ट्रोल नहीं होता है और तनाव उसको अच्छी नींद लेने में बांधा उत्तपन करता है
दिल पर असर पढ़ना ( ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक )
हाँ, यह सच है कि मनुष्य के ज्यादा सोचने का बुरा असर दिल की हेल्थ को खराब करता है ऐसे लोगो में चक्कर आना या मनुष्य की छाती में दर्द होने की संभाना अधिक देखी गई है रिसर्च में पता चला है कि अधिक सोचने वाले मनुष्य को हार्ट अटैक का खतरा सबसे अधिक होता है
क्योकि ऐसे में उनको ब्लड प्रेशर हाई की बीमारी होने लगती है ऐसे में मनुष्य को टैचिकाडिया भी हो सकता है
मनुष्य में कैंसर का खतरा
हाँ, डॉक्टर के अनुसार यह पता चला है कि मनुष्य के अधिक सोचने पर उसमे कुछ विशेष तरह के कैंसर होने की संभावनाएं होती है क्योकि ऐसे में मनुष्यं जब नियमित रूप से हमेशा तनाव की स्थिति में रहता है तो उसका इम्यून रिस्पांस कमजोर होने लगता है
जिसके कारण मनुष्य में कैंसर की समस्या होने के चांस होते है
जीवन में दुःख रहना
हाँ, यह एक तरह का सबसे बड़ा फैक्ट है लेकिन लोग इसके बारे में बात नहीं करते है लेकिन यह सोचने से पड़ने वाला हमारी नजरो में सबसे बुरा असर है क्योकि हर मनुष्य अपना अपना जीवन जीता है जिसमे सुख दुःख का आना लगा रहता है
परन्तु यह तनाव या अधिक सोचने के कराण मनुष्य अपने जीवन में हमेशा दुःख को आने देता है जो उस मनुष्य को तनाव की स्थिथि में अधिक बीमार करके अधिक नुकसान देते है इसीलिए अगर आप जितना सोचना सही है उतना सोचेंगे तो आप सुख को भी अपने जीवन में देख पाएंगी
यह मनुष्य के जीवन में संतुलन को बनाये रखने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है
मनुष्य का कायर बनाना
जब कोई मनुष्य अधिक सोचने की बुरी आदत को नियमित रूप से करने लगता है तो ऐसे में वह कायर होने लगता है मैंने देखा है कि अधिकतर लोग किसी काम को करने से पहले उसके बारे में सभी उल्टी सीधी बातें में अधिक दिमाग लगाते है ऐसे लोगो में अधिकतर बिज़नस करने वाले लोग होते है
जो किसी काम को करने पर उसमे होनी वाली हानि के बारे में अधिक सोचते है लेकिन यह हमे डरपोक बनाने लगती है ऐसे लोग एक समय बाद जीवन में जोखिम लेने की स्थिति में नहीं होते है क्योकि काम को करने से पहले हानि के बारे में सोचना हानि होने की सम्भावना को बढाता है
कॉन्फिडेंस कम होना जाना
अधिक सोचने वाले लोगो के अंदर कॉन्फिडेंस की कमी होने लगती है लेकिन जीवन में हमारे अंदर पॉजिटिव और नार्मल कॉन्फिडेंस होना बहुत जरुरी होता है क्योकि हर काम को करने के लिए खुद के अंदर आत्मविश्वाश चाहिए
लेकिन यह ख़तम होने से हम किसी काम को सही प्रकार से नहीं कर पाते है बस उसको करने से पहले यह सोचते है कि यह कैसे होगा क्योकि हमारे अंदर खुद के ऊपर पॉजिटिव कॉन्फिडेंस नहीं होता है
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FAQ
ज्यादा सोचने की बीमारी को कैसे दूर करें?
अगर आप अधिक सोचने की बीमारी को सही करना चाहते है तो ऐसे में हमारे लेख में बताये गए ओवरथिंकिंग से बचने के लिए सभी तरीको का उपयोग कर सकते है
क्या ज्यादा सोचने से दिमाग ख़राब हो सकता है?
हाँ, क्योकि मनुष्य के अधिक सोचने की समस्या तनाव को पैदा करती है जिससे मनुष्य के शरीर में कोटिसोल बढ़ने लगता है यह दिमाग की कोशिकाओ को मारकर इसके काम करने को ख़राब करता है ऐसे में मस्तिष्क का साइज़ भी कम होनी की संभावना होती है
मेरा दिमाग बहुत ज्यादा क्यों सोचता है?
किसी मनुष्य का अधिक सोचने ओवरथिंकिंग होता है यह एक तरह की बीमारी है जो मनुष्य के शरीर की हेल्थ को ख़राब करती है इससे हमारी शारीरक और मानसिक हेल्थ दोनों के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है ऐसा करके मनुष्य केवल खुद को परेशान करता रहता है
ज्यादा सोचने से कौन सा रोग होता है?
अगर हम किसी काम के बारे में उसको करने से पहले सोचते है तो यह सही होता है लेकिन काम को करने के बाद या लगातार उसके बारे में सोचकर खुद को परेशान करना ओवरथिंकिंग है यह मनुष्य में मानसिक बीमारी का एक रोग है इसके साथ अधिक सोचने से आपको डिप्रेशन की बीमारी हो सकती है
दिन भर सोचने से क्या होता है?
जब हम पुरे दिन भर किसी चीज या बात के बारे में सोचते रहते है तो ऐसे में यह मनुष्य के अंदर उसकी पॉजिटिव थिंकिंग को ख़तम करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है जिसके बाद व्यक्ति के डिप्रेशन में जाने की सम्भावना होती है ऐसे में वह हर समय नकारात्मक विचार ही सोचता है
मैं हमेशा ओवरथिंक क्यों करता हूँ?
अगर मैं हमेशा ओवरथिंक करता हूँ तो ऐसे में यह मेरे जीवन में चिन्ताओ का कारण हो सकता है क्योकि तनाव और डिप्रेशन में होने का सबसे बड़ा कारण मनुष्य के जीवन में होने वाली समस्यां होती है लेकिन इससे छुटकारा पाने के लिए आपको ध्यान लगाना,
विचारो को रोकना या मना करना, पॉजिटिव और सफल लोगो के साथ रहना आदि काम करने चाहिए
सोचने को कैसे कम करे?
सोचने को कम करने के लिए आपको सबसे पहले खुद खुश रहना होगा ऐसे में आप पुरानी बातें को दिमाग में न आने दे और वर्तमान में अपने काम को अच्छे से करना शुरू करे
इसके बाद आपको खुद के अंदर पॉजिटिव विचारो को बढ़ाना है जिसके लिए आप हमेशा अच्छे, सफल, पॉजिटिव लोगो के साथ रहना शुरू कर सकते है
क्या ओवरथिंकिंग होना बुरा है?
हाँ, क्योकि ओवरथिंकिंग के दोरान मनुष्य अपने Past या Future के बारे में विनाशकारी विचारो को सोचता है यह उसके मानसिक और शारीरिक स्वस्थ को ख़राब करते है यही स्थिथि मनुष्य में चिन्ताओ को बढाती है
क्या ओवरथिंकिंग आपको थका देती है?
हाँ, अगर कोई मनुष्य ओवरथिंकिंग करता है तो ऐसे में यह उसको मानसिक थकान देती है जो भविष्य में आगे बढ़ने या किसी काम को करने का निर्णय लेने में परेशानी पैदा करती है
क्या ज्यादा सोचने का कोई फायदा है?
अगर मैं ज्यादा सोचने की बातें करू तो इसमें मनुष्य के दिमाग में नकारात्मक विचार अधिक होते है जो उसके पॉजिटिव विचारो को पुरी तरह से ख़तम करने की कोशिश करते है जिसके कारण मनुष्य के मन में सोचने से डर उत्तपन होने लगता है
आपने क्या सीखा
आज मैंने आपको ज्यादा सोचने से होने वाली सभी नुकसान के बारे में उपयोगी जानकारी दी है और ओवरथिंकिंग से बचने के सभी उपयोगी उपाय के बारे में बताया है जिनका उपयोग करके आप अपनी अधिक सोचने की समस्या को दूर कर सकते है
नोट – हमारे लेखक को ओवरथिंकिंग का बहुत बढ़िया अनुभव है क्योकि इन्होने इस समस्या से अपने जीवन में Move On किया है इसीलिए यहाँ इस लेख में इन्होने अपने अनुभव और आपके साथ शेयर किया है यही कारण है कि यह लोग यूजर के लिए बहुत उपयोगी है
मुझे उमीद है कि आप सभी को Jyada Sochne Ke Nuksan के बारे में सब कुछ समझ आ गया होगा फिर भी अगर आपका कुछ सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में मुझसे पूछ सकते है
Credit By =itznitinsoni
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