Canonical Tag Kya Hota Hai: – आज हम कैनोनिकल टैग क्या है, कैनोनिकल टैग का बेसिक स्ट्रक्चर क्या होता है?, कैनोनिकल टैग के फायदे क्या है?, Canonical Tag ka upyog kyu kiya jata hai?, कैनोनिकल टैग को कैसे बनाए?
Blogger Me Canonical Tag Kaise Lagaye?, WordPress Me Canonical Tag Kaise Lagaye?, Canonical Tag v Redirect 301 में अंतर क्या होता है आदि के बारे में बात करेंगे –
आ गए सारे ब्लॉगर? कैनोनिकल टैग क्या है? अगर आप एक नए ब्लॉगर है तब आपने SEO ( सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ) का नाम सुना होगा इसमें टेक्निकल SEO आता है यह कैनोनिकल टैग या कैनोनिकल यूआरएल वेबसाइट के टेक्निकल SEO का पार्ट है
दुनिया के सभी सर्च इंजन वर्ष 2009 से पहले वेबसाइट के डुप्लीकेट वेब पेज की समस्या का सामना कर रहे थे क्योकि सर्च इंजन के क्रॉलर या बोट्स को एक वेब पेज के कई यूआरएल मिलते थे जिसके बाद यह समझ नहीं आता था कि किस यूआरएल को इंडेक्स करना है
फिर सर्च इंजन को वेब पेज के सभी यूआरएल को इंडेक्स करना पड़ता था जिसके बाद एक वेब पेज की डुप्लीकेट वेब पेज को सर्च इंजन रिजल्ट में दिखाया जाता था फिर वर्ष 2009 के बाद सर्च इंजन गूगल , yahoo और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर Canonical Tags को लागु किया
जिसके बाद वेब पेज की डुप्लीकेट कॉपी का पता लगाना सर्च इंजन के लिए आसान हो गया आज आपके ब्लॉग्गिंग करियर में SEO के लिए Canonical Tag बहुत महत्वपूर्ण है
Canonical Tag Kya Hota Hai? | कैनोनिकल टैग क्या है?
“Canonical Tag” एक HTML Tag है जिसको ब्लॉग या वेबसाइट के Head सेक्शन में लगाया जाता है कैनोनिकल टैग के माध्यम से सर्च इंजन को वेब पेज के Main URL के बारे में बताया जाता है जिसके बाद सर्च इंजन बोट्स उस वेब पेज के अलावा बाकि सभी वेब पेज को इंडेक्स नहीं करते है
जिस वेब पेज में आप कैनोनिकल टैग Add करते है वह यूआरएल Main यूआरएल जिसको सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स किया जाना है वह होता है बाकि अन्य यूआरएल इस वेब पेज के डुप्लीकेट वेब पेज यूआरएल होते है
वर्ष 2009 में फ़रवरी के महीने में Google , Yahoo और Microsoft ने कैनोनिकल टैग को मिलकर लागु किया क्योकि यह एक HTML कमांड थी इसलिए इसको वेबसाइट या वेब पेज के Head सेक्शन में रखा जाता है
उदहारण के लिए < link rel = “Canonical” href = “https://www.xyz.com” /> यहाँ xyz.com में आप अपना डोमेन नाम डाल सकते है आप अपनी वेबसाइट के थीमके HEAD सेक्शन में इस canonical Tags को चेक भी कर सकते है
Note – Canonical Issue की समस्या किसी वेबसाइट के डुप्लीकेट वेब पेज बनने के बाद आती है क्योकि ऐसा होने पर सर्च इंजन को यह समझ नहीं आता है कि वेब पेज का Main यूआरएल कौन सा है
कैनोनिकल टैग का बेसिक स्ट्रक्चर क्या होता है?
कैनोनिकल टैग का बेसिक स्ट्रक्चर <link rel=”canonical” href=”https://Example.com/” /> होता है
Canonical Tag ke Fayde Kya Hote Hai? | कैनोनिकल टैग के फायदे क्या है?
Canonical Tag के फायदे निम्नलिखित होते है जैसे –
- कैनोनिकल टैग आपकी वेबसाइट के लिंक जूस को distribute नहीं होने देता है
- कैनोनिकल टैग आपकी वेबसाइट पर डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या को Solve करता है
- यह वेब पेज के Main यूआरएल को इंडेक्स होने में मदत करता है
- कैनोनिकल टैग आपकी वेबसाइट के डुप्लीकेट वेब पेज को सर्च इंजन में इंडेक्स होने से रोकता है
- Canonical Tag के माध्यम से वेबसाइट के वेब पेज की सर्च इंजन रिजल्ट पेज में रैंकिंग बढ़ती है
- सभी सर्च इंजन के बोट्स या क्रॉलर आपकी वेबसाइट के किस वेब पेज को इंडेक्स करना है या नहीं यह अच्छे से समझ पाते है
- इससे वेबसाइट के वेब पेज की इंडेक्सिंग improve होती है
- कैनोनिकल टैग से आपकी वेबसाइट का क्रॉल बजट मेन्टेन रहता है
Canonical Tag ka upyog kyu kiya jata hai?
कैनोनिकल टैग का इस्तेमाल क्यों किया जाता है जब हम इंटरनेट पर अपना ब्लॉग शुरू करते है तब हमारे ब्लॉग में एक वेब पेज के दो या उससे अधिक यूआरएल क्रिएट हो जाते है क्योकि सभी सर्च इंजन के बोट्स सभी यूआरएल को अलग अलग यूआरएल मानते है
ऐसे में वर्ष 2009 से पहले उनको सभी यूआरएल को सर्च इंजन में इंडेक्स करना पड़ता था जिसके कारण Duplicate Content issue वेबसाइट में आ जाता था इसके लिए कैनोनिकल टैग का अविष्कार किया गया
मैं आपको अपनी वेबसाइट के यूआरएल के माध्यम से उदहारण देकर समझने की कोशिश करता हु जैसे – मेरी वेबसाइट का होम पेज या Main यूआरएल https://www.nsarticle.com है अब इसके डुप्लीकेट यूआरएल कुछ इस प्रकार बनते है जैसे –
- https://www.nsarticle.com ( www के साथ )
- https://nsarticle.com ( बिना www के साथ )
- http://www.nsarticle.com ( बिना SSL सर्टिफिकेट के साथ )
- https://www.nsarticle.com/?m=1 ( मोबाइल वर्शन ब्लॉगर में )
- https://www.nsarticle.com/ AMP ( AMP वर्शन )
इसी प्रकार एक वेब पेज के भी कई यूआरएल बन जाते है जैसे –
- https://www.nsarticle.com/seo
- https://www.nsarticle.com/seo/feed
- https://www.nsarticle.com/page1
ऐसे हर वेबसाइट या उसके वेब पेज के एक से ज्यादा यूआरएल क्रिएट हो जाते है जिनको देखकर सर्च इंजन बोट्स यह पता नहीं लगा पाते है कि यह एक वेबसाइट के यूआरएल है
वेबसाइट की इसी समस्या को दूर करने के लिए हम अपनी वेबसाइट के Main या Orignal यूआरएल में इस Canonical HTML Tag का उपयोग अपनी वेबसाइट के Head Section में करते है
यह टैग आपकी वेबसाइट में लगने के बाद सर्च इंजन उस यूआरएल के आलावा बाकि सभी यूआरएल को डुप्लीकेट यूआरएल समझकर Ignore कर देता है
कैनोनिकल टैग को कैसे बनाए?
वैसे तो आज कैनोनिकल टैग के लिए बहुत सारे ऑनलाइन टूल इंटरनेट पर उपलब्ध है लेकिन मैं आज आपको Coderseo के ऑनलाइन टूल के माध्यम से कैनोनिकल टैग को बनाना बताऊंगा कैनोनिकल टैग बनाना बहुत आसान है इसके लिए आप नीचे बताए स्टेप्स को स्टेप बाई स्टेप फॉलो कर सकते है –
- सबसे पहले आपको Coderseo Canonical Tag Generator की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है
- इसके बाद आपको Enter the original page’s URL में अपनी वेबसाइट के यूआरएल को कॉपी करके पेस्ट करना है
- अब आप Submit के बटन को दबा सकते है इसके बाद आपको नीचे दिए गए बॉक्स में आपकी वेबसाइट का कैनोनिकल टैग HTML Code मिल जाता है
- अब आप इसको कॉपी करके अपनी वेबसाइट के </Head> सेक्शन से ऊपर लगा सकते है
Blogger Me Canonical Tag Kaise Lagaye?
वैसे ब्लॉगर के सभी थीम में कैनोनिकल टैग पहले से लगा रहता है लेकिन फिर भी अगर आपके थीम में नहीं है तब आपको डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या आ सकती है ब्लॉगर में कैनोनिकल टैग को लगाने के लिए नीचे बताए स्टेप्स को आप फॉलो कर सकते है –
- सबसे पहले आपको अपने Blogger का डैशबोर्ड ओपन कर लेना है
- इसके बाद आपको लेफ्ट मेनू बार में Theme के ऑप्शन पर क्लिक करना है
- यहाँ आपको Customize के बराबर में – के ऑप्शन पर जाना है जहाँ आपको सबसे नीचे Edit HTML का ऑप्शन दिखाई देता है आपको उस पर क्लिक करना है
- इसके बाद यहाँ आपका HTML Dashboard ओपन हो जाता है अब यहाँ आपको अपने कीबोर्ड में Ctrl+F Press बटन दबाना है
- अब आप यहाँ <head> या </head> सेक्शन Find कर लेना है
- इसके बाद अगर आपने <head> को ढूंढा है तब आप इसके नीचे अपने कैनोनिकल टैग को लगा सकते है अगर आपने </head> को ढूंढा है तब आप इसके ऊपर अपने कैनोनिकल टैग को लगा सकते है
बस इतना काम करने के बाद आपकी Blogger Website में Canonical Tag लग जाता है जिसके बाद आपको वेबसाइट में डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा
WordPress Me Canonical Tag Kaise Lagaye?
वर्डप्रेस में SEO प्लगइन का उपयोग करने पर आपको कैनोनिकल टैग का फीचर देखने को मिल जाता है इसके लिए आप वर्डप्रेस प्लगइन Rank math या Yoast Plugin Install कर सकते है
ऐसा करने के बाद यह प्लगइन आटोमेटिक ही आपकी वेबसाइट में कैनोनिकल टैग को लगा देते है इसके लिए आपको इसमें अलग से कोई सेटिंग करने की जरुरत नहीं पड़ती है
कैनोनिकल टैग का Google Search Console से सम्बन्ध क्या होता है?
अगर आपकी वेबसाइट में बताया गया कैनोनिकल टैग Google Search Console में अलग है तब ऐसी स्थिति में आपको सर्च इंजन गूगल से Canonical Issue आ जाता है ऐसे में गूगल वेबसाइट के यूआरएल को Discover नहीं कर पाता है जिससे वेबसाइट में इंडेक्सिंग issue आ जाता है
Canonical Tag v Redirect 301 में अंतर क्या होता है?
Redirect 301 एक रेस्पॉन्स कोड है जो सर्वर से ब्रोजर को मिलता है और यह बताता है कि यह यह वेब पेज किसी दूसरे वेब पेज पर Move कर दिया गया है लेकिन कैनोनिकल टैग के माध्यम से सर्च इंजन को वेबसाइट के डुप्लीकेट वेब पेज के बारे में बताया जाता है जो एकदम परमानेंट रहता है
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FAQ
कैनोनिकल टैग कैसे और कहा लगाए?
कैनोनिकल टैग को अपनी Blogger या WordPress वेबसाइट के theme एडिटर में < head > के बाद या < /head > से पहले लगाया जाता है क्योकि सर्च इंजन के क्रॉलर Head सेक्शन पहले पड़ते है वर्डप्रेस में इसके लिए आप header & fotter plugin का उपयोग कर सकते है
Is Canonical Tag important?
हाँ वेबसाइट की सर्च इंजन में इंडेक्सिंग के लिए कैनोनिकल टैग बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि यह आपकी वेबसाइट पर डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या का भी समाधान कर देता है
Canonical Tag क्या होते हैं?
“Canonical Tag” एक HTML Tag है जिसको ब्लॉग या वेबसाइट के Head सेक्शन में लगाया जाता है कैनोनिकल टैग के माध्यम से सर्च इंजन को वेब पेज के Main URL के बारे में बताया जाता है जिसके बाद सर्च इंजन बोट्स उस वेब पेज के अलावा बाकि सभी वेब पेज को इंडेक्स नहीं करते है
क्या Canonical Tag SEO को प्रभावित करते हैं?
यह आपकी वेबसाइट पर डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या समाधान करता है जिससे आपकी वेबसाइट का स्ट्रक्चर सही रहता है जिससे आपकी वेबसाइट का यूजर एक्सपीरियंस अच्छा होता है इसलिए यह आपकी वेबसाइट के SEO के लिए महत्वपूर्ण होता है
कैनोनिकल टैग्स कैसे चेक करें?
कैनोनिकल टैग को चेक करने के लिए आप वेबसाइट के पेज सोर्स के माध्यम से अपने कीबोर्ड में Ctrl+F Press दबाकर Canonical लिखकर Find कर सकते है
Canonical Issue क्या है ?
किसी वेबसाइट या वेब पेज के यूआरएल का एक से ज्यादा यूआरएल सर्च इंजन बोट्स या क्रॉलर को मिलने पर सर्च इंजन Canonical Issue का Error देता है
क्योकि जब किसी यूआरएल के एक से ज्यादा यूआरएल बन जाते है तब वह किसी एक कंटेंट पर रेडिरेक्ट कर दिए जाते है जो Canonical Issue क्रिएट करते है
कैनोनिकल यूआरएल कैसे बनाए?
अपनी वेबसाइट का कैनोनिकल यूआरएल बनाने के लिए आप ऑनलाइन टूल का उपयोग कर सकते है या आप इस कोड में ( < link rel = “Canonical” href = “https://www.nsarticle.com” /> ) nsarticle.com की जगह अपनी वेबसाइट का यूआरएल पेस्ट करके इसको अपनी वेबसाइट के Head सेक्शन में लगा सकते है
कैनोनिकल टैग कैसे लागू करें
आपने क्या सीखा?
आज मैंने आपको Canonical Tag Kya Hota Hai, कैनोनिकल टैग का बेसिक स्ट्रक्चर क्या होता है?, कैनोनिकल टैग के फायदे क्या है?, Canonical Tag ka upyog kyu kiya jata hai?, कैनोनिकल टैग को कैसे बनाए?
Blogger Me Canonical Tag Kaise Lagaye?, WordPress Me Canonical Tag Kaise Lagaye?, Canonical Tag v Redirect 301 में अंतर क्या होता है आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है
मुझे उमीद है कि आप सभी को “Canonical Tag” के बारे में सब कुछ समझ आ गया होगा फिर भी अगर आपका कुछ सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में मुझसे पूछ सकते है साथ ही आर्टिकल को शेयर जरुर करे
Credit By = itznitinsoni
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